कश्मीरी हिंदुओं के कश्मीर छोडऩे के बाद उन्हे जम्मू में नदियों और नहरों के किनारे अस्थाई टेंटो में ठहराया गया : उमा भारती

कश्मीरी फाइल्स ने दिखाया आइना, भारत में सभी धर्मों का एक समान सम्मान

टीकमगढ़। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने बुधवार 23 मार्च की शाम चार बजे पत्रकार वार्ता आयोजित कर दा काश्मीर फाइल्स मूवी एवं प्रदेश में शराबबंदी सहित अनेक विषयों को लेकर अपने विचार पत्रकारों के साथ साझा किए। सुश्री भारती ने कहा कि काश्मीर से हिंदू ब्राह्मणों का पलायन नहीं हुआ था, उन्हे जबरन भगाया गया था। उन्होने कहा कि वह दौर कितना बीभत्स रहा होगा जब हिंदुओं को अपना घर बार और परिजन छोडक़र भागने के लिए विवश होना पड़ा। उन्होने कहा कि काश्मीर में हिंदुओ का अल्पसंख्यक होना ही उनके लिए त्रासदी का कारण बन गया। सुश्री भारती ने कहा कि काश्मीरी हिंदुओं के काश्मीर छोडऩे के बाद उन्हे जम्मू में नदियों और नहरों के किनारे अस्थाई टेंटो में ठहराया गया था। इन स्थानों पर जहरीले जीवों के बीच रहने को मजबूर यह विस्थापित काश्मीरी बहुत कठिन परिस्थितियों में काफी समय तक अपना जीवन व्यतीत करते रहे। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान काश्मीरियों ने बताया था कि मस्जिदों से उन्हे काश्मीर छोडऩे की लगातार चेतावनियां दी जा रही थी और फिर वह समय भी आया जब नरसंहार किया गया। सुश्री भारती ने कहा कि देश में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान दंगे होना आम बात होती थी लेकिन जबसे केंद्र सहित अनेक प्रदेशों में भाजपा सत्ता में आई है तभी से दंगे होना सपने की बात हो गई है। सुश्री भारती ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और इससे इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकवाद में बहुत अंतर है। उन्होने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि सभी धर्मों के लोगों को उनके धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता होना। उन्होने कहा कि बहुसंख्यक होने के नाम पर किसी धर्म के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। सुश्री भारती ने कहा कि एक समय देश में ही भारत का झंडा फहराने की चुनौतियां आतंकवादियों द्वारा सरकार को दी जाती थी और इन चुनौतियों का सामना करके ही आज भाजपा केंद्र सहित अनेक राज्यों में सरकार बना सकी है।