टीकमगढ़। किसान आंदोलन को दिल्ली के बॉर्डर पर 6 महीने का वक्त हो चुका है. कृषि कानूनों के खिलाफ चलने वाले यह आंदोलन मौसम की मार, सरकार की बेरुखी सहने के अलावा कोरोनावायरस की आपदा भी झेल रहा है. किसान नेता बिना शर्त बात करने को तैयार हैं लेकिन फिलहाल सरकार ने 22 जनवरी के बाद किसानों से कोई बातचीत नहीं की है. 6 महीने बाद किसान आंदोलन की तस्वीर क्या है और लोग क्या सोच रहे हैं, ने यह जानने की कोशिश की
26 नवंबर, 2020 से दिल्ली के बॉर्डर पर कड़कड़ाती ठंड से शुरु हुआ किसान आंदोलन, अब चिलचिलाती गर्मी में भी चल रहा है, उसी जज्बे और गुस्से के साथ. कोरोना महामारी के दूसरे लॉकडाउन में आज (बुधवार) किसानों ने देशभर में अलग-अलग जगह ‘काला दिवस’ मनाया जिसमें बड़ागांव के युवा किसानों के द्वारा सरकार के विरोध में आज का दिन काला दिवस के रुप में मनाया जिसमें सीपी यादव ने बताया की लॉकडाउन के कारण हम किसान आंदोलन में शामिल तो नहीं हो सकते इसलिए हमने अपने ही गांव सरकार के विरोध में काले झंडे देखा कर अपना विरोध प्रदर्शन किया ।
भाजपा युवा मोर्चा खिला रहा शहर गायों को चारा
टीकमगढ़ l युवा यादव समिति द्वारा हर वर्ष भी भांति इस वर्ष भी भगवान श्री…
टीकमगढ़। जिले की जनपद पलेरा में संचालित केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना अटल भू…
टीकमगढ़। क्षेत्रफल की दृष्टि में टीकमगढ़ जिले का सबसे बृहद तालाब मोहनगढ़ तहसील अंतर्गत…
विधायक शिशुपाल यादव ने किया भूमिपूजन टीकमगढ़ । टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले…
टीकमगढ़।युवक कांग्रेस टीकमगढ़ द्वारा आज हल्ला बोल कार्यक्रम कर बड़ागांव तहसील का घेराव किया…
टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद एवं केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ…