विदेश मंत्रालय ने किसान आंदोलन पर बयान बाजी करने वाले विदेशी सेलिब्रेटिज को कड़ी नसीहत दी। कहा बिना जानकारी के अनावश्यक बयान बाजी न करें। संसद में पर्याप्त चर्चा के बाद किसान बिल पारित हुए हैं।
विदेश मंत्रालय ने किसान आंदोलन पर विदेशी सेलेब्रिटियों की अनावश्यक बयानबाजी पर नसीहत देते हुए कहा कि मुद्दे को बिना सोचे समझे बयानबाजी न करें। बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की संसद ने चर्चा के बाद कृषि क्षेत्र से जुड़े सुधारवादी विधेयकों को पारित किया। इन कानूनों पर देश के छोटे हिस्से के किसानों को कुछ शंकाएं है उसे लेकर सरकार किसानों के प्रतिनिधियों से ग्यारह दौर की बात कर चुकी है। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कुछ स्वार्थी समूह भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को एकजुट कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने साथ ही कहा कि भारतीय पुलिस बल ने विरोध प्रदर्शन के दौरान संयम बरता और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए। बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस आंदोलन को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के संदर्भ में देखना चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार के प्रयास जारी है। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर सनसनीखेज तरीके को सेलेब्रिटी और अन्य के द्वारा अपनाना न सही है और न ही उनका जिम्मेदाराना रवैया दिखाता है।
प्रद्युम्न खरे
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