कोरोना टेस्टिंग स्ट्रेटजी में बदलाव जाने नई गाईड लाइन

देश में कोरोना की टेस्टिंग को लेकर नीति में बदलाव किया गया है. दूसरी लहर में कोरोना के ज्यादा केस आने की वजह से और लैब में काम करने वाले स्टाफ के संक्रमित होने की वजह से टेस्ट को लेकर चुनौती बढ़ गयी है जिसे देखते हुए टेस्टिंग स्ट्रेटजी में बदलाव किया गया है.

 

आईसीएमआर के प्रमुख सुझाव-

1. जिन लोगों को एक बार आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्‍ट (RAT) की जांच में संक्रमण पाया गया था, उनका दूसरी बार आरटीपीसीआर टेस्‍ट नहीं करना चाहिए.

2.फ्लू या कोविड 19 के लक्षण वाले लोगों को गैर जरूरी यात्रा और अंतरराज्‍यीय यात्रा करने से बचना चाहिए. इससे संक्रमण का प्रसार कम होगा.

3. प्रयोगशालाओं में दबाव कम करने के लिए अंतरराज्‍यीय यात्रा करने वाले स्‍वस्‍थ लोगों के आरटीपीसीआर टेस्‍ट की अनिवार्यता को पूरी तरह से हटाया जाए.

4. अस्‍पतालों में कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद छुट्टी के समय मरीजों का टेस्‍ट करने की आवश्‍यकता नहीं है.

5. कोरोना के सभी गैर लक्षणी लोगों को यात्रा के दौरान कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा.

6. राज्‍यों को आरटीपीसीआर टेस्‍ट को मोबाइल सिस्‍टम के जरिये बढ़ावा देने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है.

 

रैपिड टेस्‍ट से संबंधित सुझाव-

1. रैपिड एंटीजन टेस्‍ट को सभी सरकारी और निजी हेल्‍थकेयर फैसिलिटी में अनिवार्य करना चाहिए.

2. शहरों, कस्‍बों, गांवों में लोगों की बड़े स्‍तर पर जांच के लिए RAT बूथ लगाए जाएं.

3. शहरों, गांवों में यह RAT बूथ कई स्‍थानों पर लगाए जाएं. इनमें स्‍कूल-कॉलेज, कम्‍युनिटी सेंटर, खाली स्‍थानों शामिल हों.

4. ये बूथ 24 घंटे और सातों दिन काम करें.

5. स्‍थानीय प्रशासन अपने स्‍तर पर ड्राइव थ्रू बूथ भी शुरू कर सकता है.