गुजरात का केवड़िया शहर देश का पहला शहर होगा जहां सिर्फ इलेक्टिक व्हीकल्स चलेंगी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र विकास और पर्यटन संचालन प्राधिकरण ने रविवार को इसका ऐलान करते हुए ई-रिक्शा खरीदने के लिए सब्सिडी देने का भी घोषणा की है.
नई दिल्ली. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली इलेक्ट्रॉनिक सिटी का जिक्र किया. पीएम मोदी ने गुजरात की उस जगह का जिक्र किया है जहां पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्थित है. उन्होंने कहा कि गुजरात के केवड़िया कॉलोनी को ई-सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. इसका काम भी तेजी से किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के खूबसूरत शहर केवडिया में आगे आने वाले दिनों में पर्यावरण की अहमियत को ध्यान में रखते हुए सिर्फ बैटरी आधारित वाहनों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. केवडिया, गुजरात का वो शहर है जहां पर हाल के दिनों में पर्यटन में बढ़ावा हुआ है.पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले समय में इस शहर में सिर्फ बैटरी आधारित फोर व्हीलर और बसें ही चलेंगी. बता दें कि केवड़िया में जंगल सफारी घूमने के लिए यहां पर पहले से ही ई-व्हीकल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
टूरिज्म में होगा बढ़ावा
पीएम मोदी के इस ऐलान से पहले साल 2019 में केंद्र सरकार की तरफ से केवडिया में सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल को ही प्राथमिकता देने का मन बना लिया गया था. नेशनल टूरिज्म एडवाइजरी काउंसिल (NTAC) के पूर्व चेयरमैन और पूर्व पर्यटन मंत्री केजे एल्फॉन्स ने कहा था कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में अब इजाफा होगा. ऐसे में इस जगह पर वर्ल्ड क्लास टूरिज्म की सुविधा को विकसित करना पहला लक्ष्य है.
पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है केवड़िया
बता दें कि केवडिया में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है, जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. यह जिले को गुजरात के मिनी कश्मीर के रूप में भी जाना जाता है. वही हरे भरे जंगलों से घिरा नर्मदा जिला पर्यटकों की पहली पसंद भी बना है.
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मिलेगी सब्सिडी’
प्राधिकरण ने कहा, ‘हमारे अधिकार में आने वाले इलाके में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को आवाजही की अनुमति होगी. पर्यटकों को भी डीजल (Diesel) की जगह बैटरी (Battery) वाली बसें उपलब्ध कराई जाएंगी. स्थानीय निवासियों को तीन पहिया ई-वाहन खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी. गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (GEDA) से समर्थन के आलावा प्राधिकरण को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में भी सब्सिडी के रूप में छूट दी जायेगी. प्राधिकरण से जुड़े अधिकारीयों और कर्मचारियों को भी इस योजना का फायदा मिलेगा.’
महिला ई-रिक्शा चालकों को मिलेगी प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा (E-Rikshaw) चलाने वाली कंपनी को शुरुआत में प्राधिकरण के तहत क्षेत्र में कम से कम 50 रिक्शा चलाने होंगे. ई-रिक्शा चालकों की सूची में स्थानीय महिलाओं समेत पहले से ई-रिक्शा चला रहे चालकों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्राधिकरण ने कहा, ‘केवड़िया में प्रदूषण फैलाने वाला कोई उद्योग नहीं है. शहर में दो हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट है. ये प्रचुर मात्रा में पर्यावरण के अनुकूल बिजली उत्पन्न करते हैं. शहर में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की अनुमति से वायु और ध्वनि प्रदूषण कम होगा और पर्यटकों को अच्छा लगेगा.’