5G टेक्नॉलजी के खिलाफ अभिनेत्री जूही चावला की याचिका
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान अचानक फिल्मी गाने सुनाई देने लगे। सुनवाई के दौरान इस वाकये ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इसकी वजह से कोर्ट की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए बाधित हुई।
दरअसल, मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी, एक शख्स बीच-बीच में जूही चावला की फिल्मों के गाने लगातार गुनगुना रहा था। इस वजह से कोर्ट की कार्यवाही बाधित होने लगी।
अवमानना का नोटिस
सुनवाई के दौरान पहले उस शख्स ने जूही की फिल्म का,’घूंघट की आड़ से दिलबर का…’गाना गाया। उसने लाल लाल होठों पे… गाना भी गुनगुनाया।
यही नहीं, उसने जूही की फिल्मों के और गाने भी गाए। कार्यवाही बाधित होने की वजह से कोर्ट ने उस शख्स की आवाज बंद (म्यूट) करने का आदेश दिया, जिसके बाद कार्यवाही आगे बढ़ी।
बाद में कोर्ट ने आदेश दिया कि गाना गाकर कोर्ट की कार्रवाई बाधित करने वाले शख्स की पहचान की जाए और उसके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाए।
क्या है याचिका
जूही चावला की याचिका में दावा किया गया है कि 5जी वायरलेस प्रौद्योगिकी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है। चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर कर कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा।
याचिका पर कोर्ट ने उठाए सवाल
वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला के सरकार से संपर्क किए बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर बुधवार को सवाल उठाए।
कोर्ट ने तकनीक से संबंधित अपनी चिंताओं के संबंध में सरकार को कोई प्रतिवेदन दिये बगैर, देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला के सीधे मुकदमा दायर करने पर सवाल उठाया।
न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कहा कि वादी चावला और दो अन्य लोगों को पहले अपने अधिकारों के लिए सरकार से संपर्क करने की आवश्यकता थी और यदि वहां इनकार किया जाता, तब उन्हें अदालत में आना चाहिए।
बाद में हाई कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा लिया है। इससे पहले कोर्ट ने आज अपना पक्ष रखने के लिए जूही चावला को एक संक्षिप्त नोट पेश करने का आदेश भी दिया था। दूरसंचार विभाग की ओर से वकील अमित महाजन को भी डेढ़ पेज का नोट पेश करने की इजाजत कोर्ट की ओर से दी गई थी। दोपहर 3 बजे मामले की सुनवाई हुई, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है।
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