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दस विपक्षी दल के करीब 15 सांसद पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर, प्रियंका गांधी कुछ ही देर में नवरीत के परिजनों से मुलाकात करेंगी

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केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। इसी बीच गुरुवार को 8 दलों के विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधि मंडल किसानों से मुलाक़ात करने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा है। इस प्रतिनिधि मंडल में सुप्रिया सुले, कनिमोझी, हरसिमरत कौर बादल समेत कई सांसद शामिल हैं। इसके अलावा प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को 140 वकीलों ने पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर इंटरनेट बंद करने के केंद्र के निर्देश का संज्ञान लें और इसपर रोक लगाएं।

 

वहीं गणतंत्र के मौके पर किसानों द्वारा निकली गई ट्रैक्टर रैली में जान गंवाने वाले नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी रामपुर जा रही हैं। इस दौरान रास्ते में अमरोहा के पास प्रियंका गांधी के काफिले की 4 गाड़ियां टकरा गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोई घायल नहीं हुआ है और प्रियंका की गाड़ी सुरक्षित है। यूपी के रामपुर जिले के दिबदिबा गांव पहुंचकर प्रियंका उन्हें श्रद्धांजलि देंगी। 26 जनवरी को नई दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान दुर्घटना में नवरीत की मौत हो गई थीl.

इससे पहले हरियाणा के जींद में बुधवार को किसानों की ”महापंचायत” में भारी भीड़ जुटी। ऐसी बैठकें पिछले कुछ दिनों में यूपी में हुई थी जबकि बुधवार को हरियाणा के जींद में बैठक हुई। बड़ी संख्‍या में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी भरे लहजे में केंद्र सरकार से कहा कि यदि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो उसके लिए सत्‍ता में बने रहना मुश्किल हो जाएग.

भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस के विधायकों के साथ हरियाणा राजभवन पहुंचे

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस के विधायकों के साथ हरियाणा राजभवन पहुंचे है। हुड्डा तीनों कृषि क़ानूनों को ख़ारिज करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले उन्होने कहा था कि आंदोलन पूरी तरह गैर राजनीतिक है और किसान संगठन इसकी अगवानी कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस किसानों की मांगों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ मजबूती से खड़ी है। हुड्डा ने कहा कि सरकार आंदोलन को दबाने के लिए जिस तरह के हथकंडे अपना रही है, उसकी सभी विधायकों ने एक सुर में निंदा की। अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है। ऐसे में आंदोलनकारियों को परेशान करने के लिए उनका इंटरनेट, बिजली, पानी कनेक्शन और साफ-सफाई की सुविधाएं बंद करना अमानवीय कार्य है। सरकार को तुरंत तमाम सुविधाएं फिर से शुरू करनी चाहिए।

 

 

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प्रधान संपादक

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