देश में तेज़ी से फैल रहा वर्ल्ड फ्लू, कई प्रदेशों में अलर्ट जारी

राजस्थान और मध्य प्रदेश में दस्तक के बाद अब बर्ड फ्लू को लेकर झारखंड, हिमाचल प्रदेश में भी प्रदेश सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस एच5एन1 के कारण होती है, जिसकी चपेट में आकर पक्षी दम तोड़ देते हैं। साथ ही यह इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक है, जिससे जान जाने का भी खतरा रहता है। बर्ड फ्लू के कहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।

मध्यप्रदेश

प्रदेश में हो रही कौओं की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिये पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने तथा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौओं और पक्षियों की मृत्यु की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मृत्यु हुई है। मृत कौओं के सैम्पल भोपाल स्थित स्टेट डीआई लैब तत्काल भेजे जा रहे हैं। इंदौर में कंट्रोल-रूम की स्थापना कर रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा कार्यवाही की जा रही है।

 

इंदौर शहर के डेली कॉलेज परिसर में सोमवार को छह और कौवे मृत पाए गए। इन्हें मिलाकर बर्ड फ्लू से मरने वाले कौवों की संख्या 154 हो गई है। बर्ड फ्लू की आशंका के बीच डेली कॉलेज के आसपास के एरिया में पशु चिकित्सा विभाग ने सक्रियता बढ़ा दी है। इंदौर चिड़ियाघर को भी सर्विलांस एरिया मानते हुए दवाइयों का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। यहां पर सुबह-शाम पक्षियों के पिंजरे, जालियों सहित मुख्य स्थानों पर एंटी वायरल ड्रग का भी स्प्रे करवाया जा रहा है। आज जहां-जहां मृत कौवे मिले और जहां-जहां वे बैठते रहे, सभी जगह को सैनिटाइज करने के साथ ही नमक और चूने का मिश्रण बनाकर छिड़काव करवाया गया। इसके अलावा मृत कौवों को डेली कॉलेज परिसर में ही गड्‌ढा खोदकर दफनाया जा रहा है। सबसे पहले गड्‌ढा खोदकर उसमें नमक और चूना डाला जा रहा है। इसके बाद कौवों को रखकर ऊपर से फिर से यह मिश्रण डालकर मिट्‌टी से दबाया जा रहा है। सोमवार को डेली कॉलेज के आसपास मुर्गे-मुर्गियों की दुकानों से 40 सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।