Advertisement

बड़ा फैसला कोरोना के इलाज से हटाई गई प्लाज्मा थेरेपी

Advertisement

क्या है प्लाजमा थेरेपी दरअसल, प्लाज्मा थेरेपी में कोविड-19 से ठीक हुए मरीज के खून में मौजूद एंटीबॉडी को गंभीर मरीजों को दिया जाता है. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक विशेषज्ञों के अनुसार 11,588 मरीजों पर प्लाजमा थेरेपी के परीक्षण करने के बाद पाया गया कि इससे मरीजों की मौत और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के अनुपात में कोई फर्क नहीं आया है.

डॉ. समीरन – प्लाज्मा थेरेपी महंगी और कारगर नहीं

AIIMS और ICMR ने जारी की नई गाइडलाइन

कोरोना संकट के बीच प्लाजमा थेरेपी को लेकर एम्स  और आईसीएमआर ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना के इलाज से प्लाज्मा थेरेपी हटाई दी गई है.

इससे पहले कोविड संबंधी (ICMR) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, नेशनल टास्क फोर्स की बैठक में सभी सदस्य इस पक्ष में थे कि प्लाजमा थेरेपी को कोरोना इलाज पद्धति से हटाया जाना चाहिए. उनका कहना था कि कोरोना थेरेपी प्रभावी नहीं है और कई मामलों में इसका अनुचित रूप से इस्तेमाल किया गया है.

 

डॉ. समीरन पांडा आईसीएमआर के शीर्ष वैज्ञानिक ने बताया कि बीजेएम में छपे आंकड़ों में यह सामने आया है कि प्लाज्मा थेरेपी का कोई फायदा नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी महंगी है और इससे पैनिक क्रिएट हो रहा है.

इसे लेकर हेल्थकेयर सिस्टम पर बोझ बढ़ा है जबकि इससे मरीजों को मदद नहीं मिलती है. डोनर के प्लाज्मा की गुणवत्ता हर समय सुनिश्चित नहीं होती है.प्लाज्मा की एंटीबॉडीज पर्याप्त संख्या में होना चाहिए जबकि यह सुनिश्चित नहीं रहता है.

इससे पहले जारी दिशानिर्देश के मुताबिक प्रारंभिक मध्यम बीमारी के चरण में यानी लक्षणों की शुरुआत के सात दिनों के भीतर यदि हाई टाइट्रे डोनर प्लाज्मा की उपलब्धता है तो प्लाज्मा थेरेपी के “ऑफ लेबल” उपयोग की अनुमति दी गई थी.यह फैसला ऐसे में लिया गया है जब कुछ चिकित्सकों और वैज्ञानिकों द्वारा मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन को पत्र लिख इसे हटाने की मांग की थी.

इन लोगों ने आगाह किया था कि प्लाज्मा थेरेपी का तर्कहीन और गैर-वैज्ञानिक उपयोग किया जा रहा है. यह पत्र आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी भेजा गया. इसमें कहा गया था कि प्लाज्मा पद्धति मौजूदा दिशा-निर्देशों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है. देश भर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय हो रहे रिसर्च में ये बात स्पष्ट हैं कि कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी का कोई उपयोग नहीं है. इसके बावजूद देश भर के अस्पतालों में इसका तर्कहीन उपयोग किया जा रहा है.

 

 

Advertisement
प्रधान संपादक

Recent Posts

युवा यादव समिति द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की हुई बैठक

टीकमगढ़ l युवा यादव समिति द्वारा हर वर्ष भी भांति इस वर्ष भी भगवान श्री…

2 years ago

जल संरक्षण है हम सब का सपना ताकि खुशहाल रहे भारत अपना.. बूंद बूंद का करें सदुपयोग-विवेक अहिरवार

  टीकमगढ़। जिले की जनपद पलेरा में संचालित केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना अटल भू…

2 years ago

खतरे में तालाब संस्कृति- बुंदेलखंड की पारंपरिक संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं ‘तालाब

  टीकमगढ़। क्षेत्रफल की दृष्टि में टीकमगढ़ जिले का सबसे बृहद तालाब मोहनगढ़ तहसील अंतर्गत…

2 years ago

4 करोड़ 42 लाख की लागत से बनेगा आमघाट पुल, आधा सैकड़ा ग्रामीणों को मिला बरसाती वरदान

  विधायक शिशुपाल यादव ने किया भूमिपूजन टीकमगढ़ । टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले…

2 years ago

युवक कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी, हजारों कार्यकर्ताओं ने किया तहसील का घेराव

  टीकमगढ़।युवक कांग्रेस टीकमगढ़ द्वारा आज हल्ला बोल कार्यक्रम कर बड़ागांव तहसील का घेराव किया…

2 years ago

सांसद खेल स्पर्धा 2023 का ओयाजन हेतु बैठक संपन्न खेल स्पर्धा में खो-खो, कबड्डी, लंबी कूद,लांग जंप) एवं 100मीटर की दौड़ सम्मिलित

  टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद एवं केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ…

2 years ago
Advertisement