रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी है। खास बात यह है कि भारत के कहने पर रूस ने युद्ध रोकने पर सहमति जताई है। रूस खारकीव में 6 घंटे के लिए युद्ध रोकने पर सहमत हो गया है, ताकि यहां से सभी इंडियन स्टूडेंट्स और सिविलियन जो भी वहां फंसे तुरंत निकल जाएं। खारकीव में इंडियन स्टूडेंट्स को यूक्रेन सेना की ओर से मानव ढाल बनाने के रूस के आरोपों के बीच भारत के लोगों के लिए राहत की खबर मानी जा रही है। रूस का कहना है कि 6 घंटे की गैप वहां फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित खारकीव से निकालकर यूक्रेन के आसपास के देशों के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए दी जा रही है।
यूक्रेन के शहर खारकीव में अब भी हजारों स्टूडेंट्स के फंसे हुए हैं। हालांकि भारत सरकार लगातार एयर इंडिया, स्पाइस जेट समेत अन्य एयर लाइंस के जरिए इनकी वतन वापसी सुनिश्चित कर रही है। यही नहीं भारतीय वायुसेना का सी-17 भी ऑपरेशन गंगा में जुड़ गया है।
दरअसल मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि भारतीयों को वहां बंधक बना दिया गया और निकलने नहीं दिया जा रहा है। हालांकि भारतीय दूतावास ने इन खबरों को खारिज कर दिया।
पीएम मोदी ने की रूस से बात
वहीं दूसरी ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात को रूस के राष्ट्रफति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने का मुद्दा उठाया था।
रूस के राष्ट्रपति ने पीएम को बताया था कि रूस हर संभव मदद करने को तैयार है। खारकीव में यूक्रेनी सेना भारतीय स्टूडेंट्स को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले रूस ने यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत को लेकर जांच करने का भी आश्वासन दिया था। रूस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के रुख की भी सराहना की थी। रूस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत का रुख रूस के लिए सकारात्मक रहा है।
पुतिन ने दिया था भरोसा
व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान यह भरोसा दिलाया था कि इंडियन स्टूडेंट्स को वॉर जोन से सुरक्षित निकालकर उन्हें भारत भेजने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं।