मप्र में दो दिन बाद मौसम का मिजाज बदलने के आसार

मध्य प्रदेश I नवंबर माह में उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ कम ही पहुंचे हैं। उधर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एक के बाद एक कर कम दबाव के क्षेत्र बन रहे हैं। इसके चलते हवाओं का रुख बार-बार बदल रहा है।

इस वजह से नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में भी राजधानी सहित अन्य जिलों में अपेक्षित ठंड नहीं पड़ रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 29-30 नवंबर को बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में फिर कम दबाव के क्षेत्र बनने जा रहे हैं।

इन दो सिस्टम के असर से एक बार फिर हवा के साथ नमी आने के कारण मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने के आसार बन रहे हैं। इसके चलते बादल छा सकते हैं। साथ ही कहीं-कहीं हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्‍ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शुक्रवार के अधिकतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस की तुलना में 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। साहा के मुताबिक वर्तमान में हवा का रुख बीच-बीच में दक्षिणी भी हो रहा है। इससे तापमान में गिरावट नहीं हो रही है।

यहां बन रहे वेदर सिस्टम

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि 29 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में अंडमान के पास एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसी तरह 30 नवंबर को अरब सागर में भी एक चक्रवात बनने जा रहा है। इन दोनों सिस्टम के प्रभाव से हवाओं के साथ नमी आने के कारण 29 नवंबर से ही मप्र में बादल छाने के आसार हैं। जिसके चलते रात के तापमान में और बढ़ोतरी होने लगेगी। हालांकि बादलों के कारण दिन के तापमान में कुछ कमी आ सकती है।