टीकमगढ़ ।(सौरभ खरे) शहर में इन दिनों कालाबाजारी करने वालों की पौ बारह है । प्रशासन की नजर से बचाकर ग्राहकों को कोरोना का हवाला देकर दमदारी से ग्राहकों पर एहसान करके सामान बेंच जा रहा है। इसमें चाहे मेडिकल से ले जाने वाला समान हो किराना का सामान ले लो चाहे फल सब्जी आदि हो सब में मौका गवांए बिना ग्राहकों के साथ कोरोना का बहाना और माल की सप्लाई में रोक का हवाला, माल खत्म होने का हवाला जैसे उदाहरण देकर भोले भाले ग्राहकों को चूना लगाने में लगे हैं।
दम से बिक रही शराब और गुटखा : शहर में कई जगह शराब न जाने कहा से आ रही है शासन प्रशासन को नजरो से बच कर मनमाने दामों में बिक भी धड़ल्ले से रही है गली मोहल्लों में और दुकानों के पिछवाड़े से गुटखा पाउच बीड़ी, सिगरेट औने पौने दामों में बिक्री हो रही है। जिससे लत के शिकार लोग इनको संग्रह करने में लगे हुए हैं l
इन सब के साथ साथ मेडिकल पर कुछ इलेक्ट्रॉनिक मशीने भी दुगने से चौगने रेट पर बिक रही है जिसकी जानकारी शहर में रह रहे हर दूसरे रहवासी को है फिर भी लोग मजबूर हो कर दुगने चौगने रेट पर ले रहे है
कलेक्टर और एसपी के सख्त आदेशों की अवहेलना : कोरोना काल में कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर सुभाष द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे के सख्त आदेश होने के बाद भी इस कोरोना की विभीषिका से जूझ रही जनता हर प्रकार से परेशान है। इस बात किसी से भी छिपी नहीं हैं इसी को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर और एसपी ने सभी से विनम्र अपील की थी कि इस कोरोना काल में कोई किसी भी प्रकार की कालाबाजारी न करे। लेकिन यह सब कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को खुली चुनौती दे रहे हैँ।
कैसे टूटेगी यह रैकिट की चैन – छोटे मोटे व्यापारी जो घर में दुकान या सब्जी लगाते है वे कहते है की हमें ऊपर से ही सब्जी भाजी, सामान महंगा दिया जा रहा है जिसमें हम अपना कुछ प्रॉफिट मार्जिन जोड़ बेचते है हम क्या करे आप ही बताए ।
इस सिस्टम में एक बहुत पुरानी और लंबी चैन है जिसको प्रशासन के सख्ती के अलावा कोई दूसरा इसे तोडने में बोना साबित होगा। क्योंकि इनकी लिंक बहुत गहरी है । शहर में बडे- बडे कोल्ड स्टोरेज हैं जहां पर हर समान की डंपिग की जाती है जिससे बाजार में आवक की कमी का हवाला देकर बड़े व्यापारी ओने पोने दामों में फल सब्जियों के साथ अन्य जरूरतों के सामान बेंच रहे हैं।