मोदी कैबिनेट का आज विस्तार कर दिया गया.
विस्तार से पहले रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, बाबुल सुप्रियो, रमेश पोखरियाल निशंक, सदानंद गौड़ा और रतन लाल कटारिया समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा (Ministers Resign) दे दिया.
शपथ ग्रहण से चंद मिनट पहले रविशंकर ने दिया इस्तीफा
हर्षवर्धन और बाबुल सुप्रियो को भी देना पड़ा इस्तीफा
खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पोखरियाल ने भी पद छोड़ा
मोदी कैबिनेट का आज बुधवार को विस्तार कर दिया गया है
हालांकि इस विस्तार से पहले कई मंत्रियों की छुट्टी (Ministers Dropped) हो गई. रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, बाबुल सुप्रियो, रमेश पोखरियाल निशंक, सदानंद गौड़ा, संतोष गंगवार, और प्रताप सारंगी समेत कई मंत्रियों ने विस्तार से पहले इस्तीफा (Ministers Resign) दे दिया.
शपथ ग्रहण से चंद मिनट पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर ने भी इस्तीफा दे दिया.
आइए जानते हैं कि इन मंत्रियों के इस्तीफे के पीछे की क्या कहानी है.
कैबिनेट विस्तार से सबसे पहले थावर चंद गहलोत को मंत्रिमंडल से हटाया गया. वह सामाजिक न्याय और आधिकारिकता मंत्री थे. इसके अलावा थावर चंद गहलोत के पास राज्यसभा में नेता सदन और बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य का अहम पद भी था. उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है.
गहलोत के बाद 12 मंत्रियों से दिया इस्तीफा
डॉ. हर्षवर्धन-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस्तीफा दे दिया है. कोरोना की दूसरी लहर को लेकर जिस तरह मोदी सरकार सवालों के घेरे में आई, उसका खामियाजा अब डॉ. हर्षवर्धन को उठाना पड़ा है. हर्षवर्धन के पास विज्ञान और तकनीक मंत्रालय भी था. यानी हर्षवर्धन के इस्तीफे से दो भारी-भरकम मंत्रालय खाली हो गया है.
प्रकाश जावडेकरः
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले प्रकाश जावडेकर को भी इस्तीफा देना पड़ा है. जावडेकर महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं. वह मोदी मंत्रिमंडल में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री रहे हैं.
रविशंकर प्रसादः
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी पद से इस्तीफा देना पड़ा है. बिहार के पटना साहिब से लोकसभा सांसद रविशंकर प्रसाद मोदी सरकार में कानून व न्याय मंत्री, संपर्क व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थे. लेकिन अब उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है. वह हाल में ट्वीटर के साथ विवाद की वजह से चर्चा में रहे.
बाबुल सुप्रियो:
पश्चिम बंगाल की आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने इस्तीफा दे दिया है. वह पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री थे. बताया जा रहा है कि बाबुल सुप्रियो पार्टी से नाराज चल रहे थे. पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी बाबुल सुप्रियो मैदान में उतरे थे, लेकिन 50 हजार वोटों से हार गए थे.
देबोश्री चौधरी-
पश्चिम बंगाल की रायगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद देबोश्री चौधरी को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि उन्हें पश्चिम बंगाल बीजेपी में अहम पद दिया जा सकता है.
राव साहेब दानवे पाटिल-
महाराष्ट्र की जलना लोकसभा सीट से सांसद राव साहेब दानवे पाटिल ने भी इस्तीफा दे दिया है. वह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री थे.
रमेश पोखरियाल निशंक-
उत्तराखंड के हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह मानव संसाधन विकास मंत्री थे. बीते दिनों रमेश पोखरियाल निशंक कोरोना हो गया था और वह एक महीने तक एडमिट थे. खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वह इस्तीफा दे रहे हैं.
सदानंद गौड़ा-
कर्नाटक के बेंगलुरु नॉर्थ से बीजेपी सांसद सदानंद गौड़ा को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह रासायनिक एवं उर्वरक मंत्री थे. बताया जा रहा है कि कोरोना काल में दवाओं की कमी को लेकर मोदी सरकार की जो फजीहत हुई थी, उसकी गाज सदानंद गौड़ा पर गिरी है.
संतोष गंगवार-
उत्तर प्रदेश के बरेली से सांसद संतोष गंगवार से भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे. कोरोना काल के दौरान संतोष गंगवार की एक चिट्ठी खूब वायरल हुई थी, जिसमें उन्होंने यूपी सरकार की आलोचना की थी. उनकी जगह पर लखीमपुर खीरी से सांसद अजय मिश्रा को मंत्री बनाया जा रहा है.
रतन लाल कटारिया:
हरियाणा के अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया को भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री थे. उनकी जगह सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल को मंत्री बनाया जा रहा है.
संजय धोत्रे-
महाराष्ट्र की अकोला लोकसभा सीट से सांसद संजय धोत्रे को भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह शिक्षा के साथ ही सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री थे. बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी, संजय धोत्रे के काम से खुश नहीं थे. उन्हें संगठन में एडजस्ट किया जा सकता है.
प्रताप सारंगी-
ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप सारंगी को भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय के राज्य मंत्री थे.
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