झूठी तस्वीर नही वास्तविकता देखें सीएम,अव्यवस्था में मर रहे लोग
छतरपुर। जिले में लगातार कोरोना महामारी से हो रही मौतों पर छतरपुर विधायक ने आलोक कमुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखकर जिले के हालातों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए तत्काल।मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि छतरपुर जिले में कोरोना महामारी के कारण दिनों दिन हालात भयावह होते जा रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन ऑक्सीजन की कमी,चिकित्सकीय साधनों की कमी और डॉक्टरों की देखरेख के अभाव में अनेक मरीजों की मौत हो रही है।जबकि आपकी पार्टी के जिम्मेदार नेता और जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन आपको झूठी तस्वीर दिखाकर गुमराह कर रहे हैं। आपसे आग्रह है कि छतरपुर जिले में बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने एवं आम जन की रक्षा करने तत्काल वास्तविक कदम उठाए जाएं ताकि पीड़ित लोगों की जान बचाई जा सके। निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर कर प्रयास किये जाने की सख्त आवश्यकता है।कृपया संज्ञान लें।छतरपुर जिला अस्पताल की चौथी मंजिल पर पल्मोनरी वार्ड बनाया गया है।यहाँ बिना कोरोना जांच के अथवा जिनकी जांच में नतीजा निगेटिव है अथवा जिनकी जांच का नतीजा अभी आया नही है,फिर भी उनका ऑक्सीजन स्तर गिर रहा है,ऐसे लगभग 150 मरीज बिस्तर और जमीन पर पड़े हैं।इन मरीजों को सेंट्रल लाइन से ऑक्सीजन की सप्लाई नही दी जा रही है जिसके कारण मरीज के परिजन अपने मरीजों के लिए खुद सिलेंडर ढोने को मजबूर हैं। इस वार्ड को अधिकृत तौर पर कोविड वार्ड नही माना जा रहा है न ही मरीजों को कोरोना प्रोटोकाल के तहत उपचारित किया जा रहा है।
छतरपुर जिला अस्पताल में प्रतिदिन 500 जम्बो सिलेंडर ऑक्सीजन की आवश्यकता महसूस की जा रही है जबकि उपलब्धता 200 से 300 सिलेंडर प्रतिदिन की है जिसके कारण पिछले एक सप्ताह में दो बार अचानक ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई नतीजतन अब तक 20 से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई। इसकी पुष्टि के लिए छतरपुर के अनेक प्रमुख अखबारों को आप तक भेज रहा हूं।जिला अस्पताल के भीतर सिर्फ एक ही फीवर क्लीनक संचालित हो रहा है जिसपर पूरे जिले से आने बाले मरीजों की कोरोना जांचों का जिम्मा है। दुर्भाग्य जनक है कि यह फीवर क्लीनक प्रतिदिन 09 से शाम 04 तक ही खुलता है जिसमे सिर्फ एक काउंटर पर सेम्पल लिए जा रहे हैं।अतःजिस मात्रा में सेम्पलिंग होनी चाहिए वह नहीं हो पा रही है ।
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