कोरोना महामारी ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ली है, उसी प्रकार भारत में भी हजारों परिवार बेघर हो गए हैंं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि, भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण 1 अप्रैल से 577 बच्चे अपने माता पिता के निधन के कारण अनाथ हो गए है। उन्होंने इस बार पर जोर देती हुई कहां है की सरकार को बच्चों के संरक्षण तथा सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा है कि “भारत सरकार उस बच्चे के संरक्षण और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्होंने कोरोना महामारी मैं अपने माता पिता को खोया है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जानकारी दी गई है कि कोविड 19 की दूसरी लहर में 1 अप्रैल के बाद 577 बच्चों ने अपने माता पिता को खोया है।”
GOI is committed to support and protect every vulnerable child due to loss of both parents to Covid-19. From 1st April 2021 till 2:00 PM today, the State Governments & UTs across the country have reported 577 children whose parents succumbed to Covid-19.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) May 25, 2021
उन्होंने बताया है कि कैसे बच्चों को काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है तो राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान में टीम तैयार है। उनका यह भी कहना है कि ऐसे बच्चों का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं है।
ऐसे बच्चों की भविष्य के लिए मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, गुजरात और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने कोविड 19 में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का ऐलान किया है।
इन राज्यों में बच्चों के भविष्य के लिए मासिक सहायता राशि देने का भी ऐलान किया है। जिसमें मध्य प्रदेश है ऐसे बच्चों को ₹5000 प्रतिमाह देने का ऐलान किया गया है। दिल्ली सरकार ने भी ऐसे बच्चों को ₹2500 प्रतिमाह देने का ऐलान किया है। वहीं बिहार सरकार ने ₹1000 प्रतिमाह देने का ऐलान किया है। दीपिका भारत देश में कई एनजीओ भी ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं।
सरकार घाव पर नमक लगाने का काम कर रही है।