क्या दूसरी डोज के बाद भी महसूस किए जा रहे हैं वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स? कैसे करें इससे बचाव? दूसरी डोज न लेने से क्या हो सकता है?

कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार को रोकने के लिए सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान और तेज कर दिया है। देश में 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों को भी टीके दिए जाने की शुरुआत हो चुकी है। इससे पहले 45 साल और उससे अधिक आयु के लोगों को टीके दिए जा रहे थे। मौजूदा समय में 45 साल से अधिक आयु के ज्यादातर लोगों को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है,

कुछ लोग इसकी दूसरी डोज भी ले चुके हैं जबकि कुछ लोग 1st और 2nd खुराक के  दिनों का अंतराल पूरा होने की प्रतीक्षा में हैं।

वैक्सीन की पहली डोज के बाद कुछ लोगों को इसके साइड-इफेक्ट के रूप में तेज बुखार और शरीर में दर्द के साथ छोटे मोटे साइड-इफेक्ट का अनुभव हुआ था। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या दूसरी डोज के बाद भी ऐसी दिक्कतें आ सकती हैं?

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आइए इस बारे में जानते हैं।

सबसे पहले बात करते है क्या दोनों डोज लेना जरूरी है?

कई लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा है कि, क्या वैक्सीन की एक खुराक लेने के बाद दूसरी भी जरूरी है? इस बारे में एम्स की डॉ. रिचा अस्थाना (एमबीबीएस, एमडी) कहती हैं कि जो लोग वैक्सीन की एक खुराक ले चुके हैं उन्हें दूसरी खुराक भी जरूर लेनी चाहिए। पहली डोज के बाद शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज तो बन जाते हैं लेकिन वह उतने प्रभावी नहीं होते हैं। वैक्सीन की दूसरी खुराक देकर उन एंटीबॉडीज को बूस्ट किया जाता है। दूसरी डोज के बाद ही वैक्सीन की एफेकेसी 80 फीसदी के करीब की देखी गई है।

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वैक्सीन की पहली डोज के बाद दिखे थे साइड-इफेक्ट्स

कैंसर रोग विशेषज्ञ अजीत सिंह ओबेरॉय कहते हैं कि टीकाकरण की दूसरी खुराक को लेकर लोगों के मन में सवाल इसलिए हैं क्योंकि पहली खुराक के बाद कई लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स देखे गए थे। लोगों को बुखार, जी मिचलाने, सिरदर्द, शरीर में दर्द, ठंड लगने, डायरिया और थकान जैसी दिक्कतें हो रही थीं। विशेषज्ञ कहते हैं कि वैक्सीन के बाद इस तरह की दिक्कतें होना सामान्य है, क्योंकि शरीर में जब कुछ बाहरी चीज प्रवेश करती है तो उसके खिलाफ प्रतिक्रिया होना आम बात है।

 

क्या दूसरी डोज के बाद भी ऐसे साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं?

डॉक्टर कहते हैं कि पहली डोज की तरह ही कुछ लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद भी दिक्कतें आ सकती हैं। वैक्सीन की दूसरी खुराक को अपेक्षाकृत ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है

कुछ लोगो के साथ देखा गया है की 1st डोज के बाद उन्हें काफी साइड इफेक्ट्स देखने को मिले थे लेकिन  2nd डोज में न के बराबर साइड इफेक्ट्स देखे गए उन्हें सिर्फ हरारत महसूस हुई l

ऐसे में यह उन लोगों को भी प्रभावित कर सकती है, जिन्हें पहली डोज के बाद किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई थी। अच्छी बात यह है कि दूसरी डोज लेने के बाद शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस के खिलाफ और अधिक मजबूत हो जाती है।

 

दूसरी डोज न लेने से क्या हो सकता है?

इस संबंध में डॉ. रिचा कहती हैं कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। दूसरी डोज को ‘बूस्टर’ के रूप में जाना जाता है। अब तक जिन लोगों को ‘बूस्टर’ की खुराक नहीं मिली है उन्हें अब भी वायरस से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।

 

वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए क्या करें?

डॉक्टरों के मुताबिक वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स एक से दो दिन में स्वत: ठीक हो जाते हैं। कुछ लोगों को वैक्सीन लगने वाली जगह पर दर्द और उस बांह में असुविधा का अनुभव हो सकता है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए ये सामान्य उपाय किए जा सकते हैं।

जहां पर वैक्सीन लगा हो वहां आइस पैक या ठंडी सेकाई कर सकते हैं।

वैक्सीनेशन के बाद तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।

खूब मात्रा में पानी, फलों के जूस और पौष्टिक आहार लें।

कुछ दिनों तक शराब और धूम्रपान से बचें।

हल्के लक्षण महसूस होने पर पैरासिटमॉल ले सकते हैं।

किसी प्रकार की अन्य दर्द निवारक दवाइयों का सेवन न करें।

अच्छी नींद लें

बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन के सेवन से परहेज करें 

 

इन साइड-इफेक्ट्स पर दें विशेष ध्यान 

वैक्सीन लगने के बाद कई तरह के साइड-इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है, लेकिन एक ऐसे भी लक्षण हैं, जिन्हें गलती से भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। वो साइड-इफेक्ट है रैशेज़ यानी चकत्ते। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, त्वचा पर चकत्ते या लाल होना वैक्सीन का सबसे आम साइड-इफेक्ट ज़रूर है, लेकिन इसे दिखने में कई बार एक हफ्ते से ज़्यादा का समय भी लगता है। चकत्ते उन लोगों में ज़्यादा आम होते हैं, जो किसी तरह की एलर्जी से जूझ रहे हों, या जिनकी त्वचा नाज़ुक होती है। हालांकि, आपको जैसे ही चकत्ते नज़र आएं, फौरन डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा सूजन, ब्लीडिंग, बेहोशी में बोलना या फिर बेहोश हो जाने को भी नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत मेडिकल एक्सपर्ट से संपर्क करें।

 

नोट: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।