बांधवगढ़ के बाघों की सुरक्षा के लिए रफ्तार पर लगेगी लगाम

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे जंगल में बाघ समेत अन्य वन्य प्राणी अक्सर तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। धमोखर से पनपथा तक और धमोखर से खितौली तक अगर सड़क पर किसी वाहन की चपेट में कोई जानवर आता है तो अब वाहन चालक का बच पाना आसान नहीं होगा।

दरअसल इस मार्ग पर गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा तय कर दी गई है। इस रास्ते पर पड़ने वाले सभी बैरियर पर वाहनों के गुजरने का समय लिखा जाएगा। इस तरह अब यह तय हो जाएगा कि कौन सा वाहन ज्यादा तेज गति से निकला है। यदि तेज गति से वाहन निकलेंगे और कोई दुर्घटना सड़क पर होगी तो वाहन पकड़ा जाएगा। इसके लिए उन कैमरों का भी उपयोग किया जाएगा जो बेरियर पर लगाए गए हैं।

 

यहां हैं बैरियर : उमरिया से ताला की दिशा में जाने पर पहला बैरियर धमोखर में पड़ेगा। धमोखर से ताला की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। दूसरा बैरियर ताला में है, तीसरा बैरियर पतौर में और चौथा पनपथा में है। जबकि पांचवा बैरियर धमोखर खितौली रोड पर खितौली में बनाया गया है। इन सभी बैरियर की दूरी 12 से 15 किलोमीटर के आसपास है।

 

जंगली जानवर होते हैं हादसे का शिकार : सड़क पर वाहनों की अनियंत्रित गति के कारण कई बार जंगली जानवर हादसे का शिकार हो जाते हैं। कई जानवरों की जान अभी तक सड़क हादसे में जा चुकी है। यही कारण है कि वाहनों की गति सीमा तय की गई है। वाहन कम गति से चलेंगे तो दुर्घटनाओं की आशंका बहुत कम हो जाएगी। इस तरह जंगल के जानवर सुरक्षित हो पाएंगे।

ज्यादा है बाघों की संख्या : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या के बाद बाघों के मुख्य मार्ग पर निकल पड़ने की वजह से उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। खासतौर से वे उन वाहनों की चपेट में आ सकते हैं जो इस रास्ते से होकर गुजरते हैं। यही कारण है कि बांधवगढ़ के बाघों की सुरक्षा को लेकर यहां से गुजरने वाले स्टेट हाईवे पर वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाई है।

शाम के बाद प्रवेश पर रोक : ताला रोड पर तो शाम पांच बजे के बाद भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। परासी मोड़ से ताला की दिशा में शाम 5ः00 बजे के बाद भारी वाहन प्रवेश पर इसलिए रोक लगाई गई है क्योंकि इससे आगे जंगल में जंगली जानवर रात को सड़क पार करते हैं। ऐसे कई पॉइंट हैं जहां से बाघ और दूसरे जानवर जंगल की एक दिशा से सड़क पर आ जाते हैं।