Covid-19 Vaccination Update: भारत बायोटेक ने दी चेतावनी, ये लोग भूलकर भी न लगवाएं ‘कोवैक्सीन’

कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक कोविड टीके को लेकर लोगों को आगाह किया है। भारत बायोटेक ने कहा कि अगर किसी की इम्यूनिटी कमजोर है या पहले से कोई गंभीर बीमारी की दवाएं ले रहे हैं, तो ऐसे लोग फिलहाल कोविड कोवैक्सीन न लगवाएं। भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट जारी कर बताया है कि किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।

 

भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, कुछ लोग इसकी सुरक्षा प्रभावशीलता और डेटा पर पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।

ये लोग न लगवाएं कोवैक्सीन

  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग कोवैक्सीन न लगवाएं
  • किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं लोग
  • गंभीर बीमारियों की दवाओं के सेवन करने वाले लोग
  • एलर्जी, बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर से ग्रसित लोग
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वर्जित
  • जिन्होंने कोई दूसरी वैक्सीन ली हो

 

भारत बायोटेक ने सोमवार को फैक्टशीट के माध्यम से ऐसे लोगों को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है, जिन्हें कुछ समय से एलर्जी, बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर की शिकायत रही हो, साथ ही जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या दवाई ले रहे हैं या फिर जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है। कोवैक्सीन का टीका गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वर्जित है। साथ ही जिन्होंने दूसरी वैक्सीन ली है, या फिर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, वे भी कोवैक्सीन का टीका न लें।

इसके पहले, सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया था कि जिन मरीजों में इम्यूनिटी कमजोर है, उनको भी कोविड टीका लग सकता है। हालांकि, वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ऐसे लोगों पर असर अपेक्षाकृत कम देखा गया है। आमतौर पर कीमोथेरेपी करा रहे कैंसर के मरीज, एचआईवी पॉजिटिव लोग और स्टेरॉयर्ड लेने वाले लोग इम्यूनो-सप्रेस्ड होते हैं यानी इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।ऐसे रोगियों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है।

 

कहा, साइड इफेक्टर की संभावना बहुत कम 

भारत बायोटेक ने अपनी फैक्टशीट में ये भी सुझाव दिया कि अगर कोवैक्सीन की खुराक लेने के बाद किसी में कोविड-19 से संक्रमित होने के लक्षण दिखते हैं, तो आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा। भारत बायोटेक ने वैक्सीन की संभावित प्रतिकूल घटनाओं और वैक्सीन के लिए योग्य लोगों का विवरण देते हुए यह फैक्टशीट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इसका बहुत ही कम संभावना है कि कोवैक्सीन से सांस लेने में कठिनाई, चेहरे/गले की सूजन/ तेजी से दिल धड़कना, पूरे शरीर में चकत्ते और कमजोरी सहित एलर्जी की गंभीर प्रतिक्रिया पैदा हो सकती हैं।

 

अगर कोई साइड इफेक्ट दिखे, तो तुरंत जानकारी दें 

फैक्टशीट में कहा गया है कि अगर कोवैक्सीन लेने के कुछ घंटों में आपको कोई साइड इफेक्ट दिखे या कोविड के लक्षण समझ में आए, तो तुरंत वैक्सीन लगाने वाले को इसकी जानकारी दें। अगर वैक्सीन लेने के पहले और बाद में आपने किसी वजह से कोई दवा ली हो, तो उसकी भी सही और साफ जानकारी दें। फैक्टशीट के मुताबिक, कोवैक्सीन के लगाए जाने पर अगर किसी लाभार्थी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है अथवा वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता तो उसे सरकारी अस्पताल में देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इतना ही नहीं, गंभीर प्रतिकूल घटना के लिए मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा।

बता दें कि अभी कोवैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल में है और अभी इसकी प्रभावकारिता पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है। तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों को स्टडी किया जा रहा है। भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीन की खुराक लगने का मतलब यह नहीं है कि इसके बाद कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित अन्य मानकों का पालन करना बंद कर दिया जाए। यही वजह है कि कंपनी ने उन सावधानियों को बरतने की जरूरत समझी है, जिन्हें नजरअंदाज करने पर इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं।