कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण देश भर में आर्थिक गतिविधियां चरमरा रही हैं. इस बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को पहले के मुकाबले घटा दिया है. क्रिसिल रिसर्च ने अन्य एजेंसियों के अनुरूप भारत के विकास के अनुमान को कम करते हुए कहा है कि दूसरी लहर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया है.
तदनुसार, क्रिसिल ने 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिए अपने अनुमान को 150 आधार अंकों (1.5 प्रतिशत) से संशोधित कर 9.5 प्रतिशत कर दिया है.
क्रिसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, बैक टू स्क्वायर वन. भारत की जीडीपी पहली तिमाही में तेज संकुचन के बाद, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक पूर्व-महामारी के स्तर पर वापस आ गई. हालांकि, दूसरी लहर ने संभवत: इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उन लाभों को मिटा दिया है.
क्रिसिल ने कहा कि दूसरी कोविड लहर ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर पानी फेर दिया है, जो आजादी के बाद से सबसे गंभीर संकुचन को देखने के बाद पटरी पर लौटने लगी थी.
यह देखते हुए कि दैनिक कोविड के मामले अभी के लिए चरम पर हैं, हालांकि वे पहली लहर के चरम से ऊपर हैं, रिपोर्ट में कहा गया है कि एक और लहर और मंद टीकाकरण के जोखिम का मतलब है कि राज्य जल्द ही पूरी तरह से अनलॉक करने से सावधान रहेंगे.
बता दें कि क्रिसिल के अलावा भी वित्तीय मामलों से कई संस्थाओं ने भारत की वृद्धि दर के अनुमानों में कटौती की है. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते घरेलू खपत और निवेश प्रभावित होने के कारण क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 11 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है
क्रिसिल ने अपने पूवार्नुमानों में कटौती करते हुए कहा कि वृद्धि के दो वाहकों – निजी खपत और निवेश, पर दूसरी लहर का प्रकोप एकदम स्पष्ट है, जिसके चलते ये संशोधन किए गए हैं.